IPC Section 124 A या देशद्रोह कानून क्या है? जानिये विस्तार से।

क्या आप जानते है IPC Section 124 A Kya Hai ? और यह कानून किसलिए बनाया गया अगर नही तो यहाँ आपको IPC Section 124 A In Hindi के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होगी आइये जाने What Is IPC Section 124 A In Hindi.

इंडियन पेनल कोड सेक्शन IPC Section 124 a यानी देशद्रोह कानून यह आजकल बहुत चर्चा में है और इसका रीजन यह है कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में यानी की घोषणा पत्र मैं कहा है कि अगर हमारी सरकार बनती है, तो हम इस कानून को खत्म कर देंगे, हालांकि इसका सच्चाई से कुछ लेना देना नहीं होता है, क्योंकि सरकार बनने के बाद परिस्थितियों के बाद स्थिति बदल जाती है, हालांकि बीजेपी ने इस को और मजबूत बनाने का अपने घोषणा पत्र में वादा किया है, आइये जानते हैं क्या होता है IPC Section 124 a यानी देशद्रोह कानून? दोस्तों पिछली पोस्ट में हमने NOTA के बारे में जाना था।

IPC Section 124 a क्या है?

  • इस धारा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति सरकार के विरुद्ध कुछ बोलता है या लिखता है या लिखने वाले की मदद करता है या अपने लिखे गये या बोले गये शब्दों या फिर नेशनल चिन्ह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाता है या असंतोष जाहिर करता है तो वह देशद्रोह का अपराधी है, इंडियन पेनल कोड 124 ए एक गैर जमानती अपराध है, इसमें केवल कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से ही जमानत मिल सकती है, इंडियन पेनल कोड 124a के तहत यदि कोई अपराधी पाया जाता है तो उसे उम्रकैद और जुर्माना या फिर 3 साल की कैद जुर्माना या फिर केवल जुर्माना देना पड़ता है, इस कानून को 1870 में आईपीसी में शामिल कर दिया गया था।
  • यह ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया था इसका प्रयोग सर्वप्रथम ब्रिटिश सरकार ने बाल गंगाधर तिलक पर किया था।
  • इस कानून का दूसरी बार इस्तेमाल महात्मा गांधी के खिलाफ वीकली जर्नल में यंग इंडिया आर्टिकल लिखे जाने की वजह से किया गया था. यह आर्टिकल ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लिखा गया था।
  • बिहार के रहने वाले केदार सिंह राज्य सरकार ने एक भाषण के मामले में देशद्रोह केस दर्ज किया था, जिस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी यह बात 1962 की थी।
  • सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने एक आर्डर दिया था उस ऑर्डर में कहा गया था कि देशद्रोही के भाषणों और एक्सप्रेशन को तभी दंडित किया जा सकता है जब उनकी तरफ से कोई हिंसा या अराजकता उत्पन्न हो।
  • 2010 में विनायक सेन पर नक्सल विचारधारा फैलाने का आरोप लगाते हुये उन पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया इन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, तथा उन पर भी यह कानून लागू किया गया था।

इस कानून में कोई दो राय नहीं है कि ब्रिटिश सरकार ने यह कानून अपने फायदे के लिये बनाया था, या हिंदुस्तानी कैदियों को जेल में डालने के लिये कि कोई भी हिंदुस्तानी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज ना उठा सके, इंडियन पेनल कोड 124 ए के अनुसार यदि कोई व्यक्ति भारत सरकार के खिलाफ कुछ लिखता है, या बोलता है तो वह देशद्रोही कहलाता है, इसके लिये उसे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करता है तो उस पर भी यह कानून प्रभावी तरीके से लागू होता है।

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