Computer Kya Hai ? और ये कैसे काम करता है ?

Computer के बारे मे आज के समय मे कौन नही जानता है सभी लोग जानते है Computer Kya Hai ? ( What is Computer in Hindi ) ये तो आप पहले से ही जानते है, फिर हम आज इस Topic पर क्यूं बात कर रहे है जिससे आप जानते है. 

आप ये तो जानते हैं Computer क्या है, पर क्या आप ये जानते है ये कैसे काम करता है, Computer कि History क्या है, Computer के कितने प्रकार हैं इसके मुख्य अंग कौन से हैं, आज हम चाहते है आपको Computer की पूरी जानकारी दी जाये,

आज हम कंप्यूटर के इतिहास से ले कर ये कैसे काम करता है कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है (What is Full form Of Computer?) शूरू से अखिर तक सब जानेगे।

आज जिस Computer का इस्तिमाल हम और आप कर रहे है इस्के पिछे कितने वैज्ञानिको कि मेहनत है, और आज भी इसको बेहतर बनाने मे कई वैज्ञानिक लगे हुवे हैै जिस Computer को आप आज इस्तिमाल कर रहे है आज से कई साल पहले Computer ऐसा नही था Computer का सफर इतना आसान नहीं था, अभी जो कुछ भी हम काम आसानी से कर रहे है इतना कुछ करने के लिए कंप्यूटर का सफर बहुत लंबा रहा है। तो आइये चलते है उसी सफर पर और जानते है Computer Ki Kahani, जानते है कंप्यूटर क्या है? ( Computer Kya Hai ? )

Computer का Full Form होता है Operation Machine Particularly Used for Technical Educational Research.

अनुक्रम

Computer Kya Hai ? (what is Computer In Hindi)Computer-kya-hai

Computer एक मशीन है जिसका इंसान लगभग हर क्षेत्र में अपना काम आसान करने के लिये उपयोग करता है। Computer शब्द Eglish भाषा के “Compute” शब्द से बना है, जिसका अर्थ “गणना करना होता है” इसके ऐसे अर्थ के के कारण इसे गणक या संगणक या अभिकलक यंत्र भी कहा जाता है।

Computer एक electronic Device है। जो अपनी Memory में स्टोर प्रोग्राम के अनुसार कार्य करता है। कंप्यूटर को कार्य करवाने के लिये Input दिया जाता है फिर कंप्यूटर प्रोग्राम किये गये Process अनुसार हमे Output प्रदान करता है।

Computer मुख्य तौर पर तीन काम करता है,

  1. Input Data (कंप्यूटर को डाटा देना)
  2. Processing ( डाटा को Processing करना)
  3. Out Put ( Processed डाटा को दिखाना)

आपने यह जाना कि Computer Kya Hai ?, अब हम यह जानेंगे कि कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया ? चलिए समझते है।

Computer Ka Avishkar Kisne Kiya. (Invention of Computer )

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Charles Babbage Inventer & Founder Of Compuetr

अक्सर लोग Google (internet) पर सर्च करते है है की कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया हैं?

एक गणित के प्रोफेसर चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने 19वि सदी में Computer का अविष्कार किया। चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (Father Of Computer) भी कहा जाता है। उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई जो विभेदक समीकरणों को करने में सक्षम थी।

ये मशीन आकार में बहुत बड़ी थी जो भाप द्वारा संचालित होती थी। इस मशीन द्वारा Program को Store किया जा सकता था साथ साथ गणना करने और परिणाम को Print करने के लिये भी ये मशीन सक्षम थी। उन्होंने इस मशीन को Analytical Engine का नाम दिया था।

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चार्ल्स बैबेज के सहायक Augusta Ada King ने इस मशीन को बनाने के लिये मशीन की डिजाइन बनाई थी इसके लिये अमेरिका के रक्षा विभाग ने सन 1980 में उनका सन्मान करने के लिये उन्हें एक नयी प्रोग्रामिंग भाषा (ADA) का नाम दिया।

चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) द्वारा बनाया गया ये मशीन एक प्रारंभिक कंप्यूटर था। 50,000 से ज्यादा Components को मिलाकर बनायीं गयी ये मशीन में computer के बुनियादी तत्वों की चर्चा की गयी है। इसमें Input Design पंच्ड कार्ड के रूप में था। निर्देशों को किसी भी क्रम में प्रक्रिया में लाने के लिये इस इंजन के अंदर एक मिल याने की Control unit था। जिसका output परिणाम एक डिवाइस पर देखे जा सकते थे।

आज के इस कंप्यूटर को हम Advance Electronic Device कह सकते हैं, जो के Data को Input के तौर पर लेता है और उस लिये गये Data को Program (Set Of Instruction) के द्वारा process करता है और फिर Output परिणाम दिखाता है जो परिणाम हमे मिलता है वो Numerical और Non Numerical दोनो ही मे मिलता हैं,

कंप्यूटर का पूरा नाम क्या हैं (What is the full name of computer)

तकनीकी रूप से कंप्यूटर का पूरा नाम Commonly Operation Machine Particularly Used for Technical Educational Research.

C -Commonly, O-Operation, M – Machine, P – Particularly, U – Used for, E – Technical, E – Educational, R – Research.

कंप्यूटर का इतिहास (History Of Computer)

अगर हम बात करे कंप्यूटर के इतिहास की तो इसका इतिहास काफी पुराना है (लगभग 300 वर्ष पुराना) समय समय पर कंप्यूटर को बहेतर बनाने के लिये इसमें काफी बदलाव हुये इसको ही हम कंप्यूटर के पीढ़िया (Generation Of Computer) के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। तो आइये जानते है Generation Of Computer In Hindi.

कंप्यूटर में हुये बदलाव को लेकर उसे Generation में विभाजन किया है। हर Generation को कंप्यूटर में उपयोग में ली जानेवाली तकनीक को लेकर परिभाषित किया गया है। जिससे  आप असानी सेे समझ सकतेे हैंं।  

First Generation (1942-1956) – Vacuum Tubes

First generation के Computer में Main Electronic Component के रूप में Vacuum Tubes और Storage के लिये Magnetic Drum का उपयोग किया गया था। आकर की द्रष्टि से ये बहुत बड़े थे इतने बड़े की इनको रखने के लिये काफी जगह की जरुरत पड़ती थी,

कीमत में भी ये काफी महंगे थे। इसमें गर्मी ज्यादा पैदा होने के कारण इसको ठंडा रखना और Maintenance मे भी बहुत ही मुश्किल था। इसे Operate रखने के लिये Machine language का उपयोग किया जाता था।

इसे Input देने के लिये Punched card और Paper tape का इस्तेमाल होता था। इस प्रकार के Computer एक समय में केवल एक ही समस्या का का निवारण करने में सक्षम थे।

Second Generation (1956-1965) – Transistor

Second Generation के Computer में Main Electronic Component के रूप में Transistor का उपयोग किया जाता था Vacuum Tubes की जगह पर Transistor को उपयोग मे लिया गया, Transistor कम जगह लेते हैं, जो Computer को तेज बनाते थे, इसमें बिजली की भी काफी कम खपत होती थी जो की पहेली पीढ़ी के Computer की तुलना में सस्ते और विश्वसनीय थे।

इसमे First generation के मुकाबले Heat कम उत्पन्न होती थी। पर इससे अभी भी Heat की समस्या थी इस प्रकार के कंप्यूटर में चुंबकीय कोर को Primary Memory तथा चुंबकीय टेप और चुंबकीय डिस्क को Secondary Memory के रूप में इस्तेमाल होता था। प्रथम पढ़ी के कंप्यूटर से ये थोड़े फ़ास्ट और विस्वश्नीय थे।

Third Generation (1965-1975) – Integrated Circuit

Third Generation के Computer में पहली बार Main Electronic Component के रूप में IC (integrated circuit) का उपयोग किया जाता था। एक Solo Ic Transistor प्रतिरोधों और कैपेसिटर की एक बड़ी संख्या को एक साथ संगठित कर के रख सकता है जिससे Computer के आकर को ज्यादा से ज्यादा छोटा बनाया जा सकता था।

इसमें Input और Output के लिये Keyboard और Monitor का इस्तेमाल हुआ था। operating system की Counting को भी इसी समय पेश किया गया था उसके साथ साथ Time Sharing और Multi programming networking की Counting को भी साथ में लिया गया था। इस पीढ़ी में फोरट्रान, पास्कल जैसी उच्च स्तरीय Programming Language की शुरुआत हुई।

Fourth Generation (1971-Present) – Microprocessors 

Third Generation के कंप्यूटर में Microprocessor की शुरुआत देखने को मिली जिसमे हजारो Ic को Solo Chip पर एक Silicon chip पर निर्मित की जा सकती थी। इस प्रकार के Computer में एकीकृत सर्किट(VLSI) तकनीक का उपयोग किया गया था।

इसमें एक Solo Chep पर Computer के सारे components स्थिर होते थे। इस प्रयोग की मदद से Computer का आकर बेहद छोटा हो गया था जिसे Desktop Computer या Personal Computer से पहचाना गया।

इस प्रकार के कंप्यूटर में Time Sharing का concept, Real Time Processing, Distributed Oprating System का उपयोग किया गया। C,C ++,Database जैसी उच्च स्तरीय भाषा का भी इस पीढ़ी के कंप्यूटर में उपयोग किया गया था। Microprocessor के इसतिमाल से Computer की Efficiency और भी बढ् गयी

Fifth Generation (Present) – Artificial intelligence

Fifth Generation में नई तकनीक अस्तित्व में आई जिसे ULSI जिसका पूरा नाम था “Ultra large scale integration” इस नई तकनीक द्वारा Microprocessor Chep में 10 लाख तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शामिल किया गया। इस Generation में बहुत सी उच्च तकनीक तथा भाषा का उपयोग हुआ जिसमे कृत्रिम बुद्धि (Artificial intelligence),Voice Recognition, Mobile Communication, Satellite Communication,Signal Data Processing और भाषा में Java,VB और NET etc हैं।

कंप्यूटर का विकास

करीब 5000 साल पहले दुनिया का सबसे पहला डिवाइस जिसे पहला Computer भी कहा जाता है। इसका नाम अबैकस था। इस उपकरण में रैंक पर स्लाइडिंग बीड्स का उपयोग किया गया था जिससे मोती को ऊपर नीचे करके बेसिक गणना की जा सकती थी। परंतु कागज और पेन्सिल के अस्तित्व में आने से अबैकस का महत्व खत्म हो गया।

12 शताब्दी बाद साल 1642 में Blase Pascal नामक एक शोधकर्ता ने एक संख्यात्मक पहिया Calculator का आविष्कार किया जिसका नाम Pascaline था।

उसके 4 साल बाद वर्ष 1646 में एक German Mathematicians जिसका नाम था Gottfried Wilhelm Leibniz उन्होंने Pascaline डिवाइस से कुछ सुधार किया जिससे वह मशीन अब गुणा भी कर सकती थी।

ये मिकेनिकल गुणक Gear और Dial के सिस्टम पर काम करता था। Leibniz द्वारा बनाई गयी मशीन को वर्ष 1820 तक उपयोग में लिया गया था। वर्ष 1820 के बाद Charles Xavier Thomas De Colmar नामक एक शोधकर्ता द्वारा Mechanical calculator की शुरुआत हुई। जिसका नाम Arithometer था जो चार बुनियादी गणित कार्यो को सरलता से करने में सक्षम था। इस प्रणाली को प्रथम विश्व युद्ध तक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया।

कंप्यूटर के कुछ भाग (parts of a computer)How-computer-works

  • The Central Processing Unit:
    • (CPU),
    • Buses,
    • Ports and controllers,
    • ROM;
  • Main Memory (RAM);
  • Input Devices;
  • Output Devices;
  • Secondary Storage;
    • floppy disks,
    • hard disk,
    • CD-ROM

      computer-parts
      इस चित्र मे आप देख सकते है कुछ Main Parts जो Computer मे आपको देखने को मिलते हैं।

Central Processing Unit (CPU)

यह Computer से जुड़े सभी उपकरणों को नियंत्रित करता है यह कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है। यह एक Electronic Microchip है जोकि Data को इनफॉर्मेशन में बदलते हुए प्रोसेस करता है इसे कम्प्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है, यह कम्प्यूटर के सारे कार्यों को नियंत्रित करता है और यह Input को Output में रूपान्तरित करता है

CPU Computer का एक सबसे Important Part होता हैं, जिसके बिना कम्प्युटर अपना कोई कार्य नही कर सकता हैं क्योंकि CPU कम्प्युटर से जुडे सभी Hardware’s और Software’s से मिलने वाले निर्देशों को संभालता हैं और  Input Devices से प्राप्त निर्देशों को और Data को प्राप्त करता हैं और उसे Process करके आगे परिणाम देता है।

कुछ लोग गलत फहमी मे CPU को ही Computer समझने लगते हैं। पर ये गलत हैं क्योंकि ये तो Computer का एक छोटा सा मगर बहुत Important Part हैं जोकि Motherboard में लगा रहता हैं।

Motherboard

मदरबोर्ड कंप्यूटर का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है Motherboard कंप्यूटर hardware का एक पार्ट है जिसे Computer के बैकबोन के रूप में माना जाता है यह एक Electronic Circuit Board होता है जिसको Main Board या System Board भी कहते हैं।

यह कंप्यूटर के सभी आवश्यक घटकों को एक साथ जोड़े रखता है जैसे RAM, Hard Drive, Connectors, Drive या Optical Drive जिसमें हमारा CPU भी आता है। Motherboard कंप्यूटर के सभी हिस्सों को आपस में जोड़ कर रखता है अगर इसकी डिजाइन की बात करे तो यह प्लास्टिक का एक कार्ड होता है जिसपर एल्युमीनियम और कॉपर की परत चढ़ी होती है इसके साथ मदरबोर्ड पर लाखों छोटे-छोटे चिप, पोर्ट्स लगे होते हैं।

RAM Memory 

रैम को हम Random Access Memory भी कहते हैं जब भी हम कोई Calculation करते है तो ये उस Result को कुछ वक्त के लिये Memory मे Save कर लेता है ये Result को Temporary Save कर लेती है पर अगर आप का Computer किसी वजह से बंद हो जाता है तो आप इस Save Data को खो देते हैं अगर आप कोई जरूरी काम अपने Computer पर कर रहे है तो उसे खोने से बचाने के लिये समय उसे Save करते रहना चाहिये जिससे आपका सारा Data Hard Drive मे सुरछित रहता है।

RAM को MB – Megabytes  और GB –  Gigabytes मे मापा जाता है,

Hard Drive

Hard Drive कंप्यूटर का एक ऐसा Part हैं जहाँ पर आप अपने Document, File को स्टोर करते हैंन यहा पर  आपका का Data जो आप Save करते हैं वो हमेशा के लियेे Store रहता है जब तक आप खुद उसको खतम करे, हा  अगर आपके Computer मे कोई खराबी आती है तो आप अपने Data को खो सकते हैं।

 Input Devices 

Input Device कंप्यूटर का एक Part है जो कंप्यूटर को data या Signal भेजता है, एक Input Device और एक Output Device के बीच मुख्य अंतर यह है कि Input कंप्यूटर को डेटा भेजता है, जबकि Output कंप्यूटर से डेटा प्राप्त करता है। ये कुछ महत्वपूर्ण Input Devices हैं जिनका उपयोग कंप्यूटर में किया जाता है-

10 Input Devices के उदाहरण ये हैं

  1. Keyboard
  2. Mouse
  3. Light pen
  4. Track Ball
  5. Scanner
  6. Graphic Tablet
  7. Microphone
  8. Magnetic Ink Card Reader(MICR)
  9. Optical Character Reader(OCR)
  10. Bar Code Reader

Keyboard

सबसे आम और बहुत लोकप्रिय Input Devices है जो कंप्यूटर को Data Input करने में मदद करता है, Keyboard दिखने मे टाइपराइटर की तरह हि लगता है, हालांकि इसमे कुछ अलग कार्य करने के लिए कुछ अतिरिक्त key प्रदान किये गय हैं।

S.NoKeys & Description
1Typing Keys

इसमे (A-Z) और (09) के कुछ बटन शामिल हैं जो आमतौर पर टाइपराइटरों के समान ही हैं।

2Numeric Keypad

इसका उपयोग Numeric Data Input करने के लिए किया जाता है। आम तौर पर, इसमें 17 बटन का एक सेट होता है जो एक ही configuration में कैलकुलेटर द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

3Function Keys

बारह function keys कीबोर्ड पर मौजूद होती हैं जो कीबोर्ड के उपर एक पंक्ति में होती हैं हर function keys का एक अनूठा अर्थ होता है और इसका उपयोग किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जाता है।

4Control keys

Control keys आम तौर पर स्क्रीन का नियंत्रण प्रदान करती हैं, इसमें चार दिशात्मक तीर Keys शामिल हैं। Control keys में Home, End, Insert, Delete, Page Up, Page Down, Control(Ctrl), Alternate(Alt), Escape (Esc). भी शामिल हैं।

5Special Purpose Keys

Keyboard में कुछ Special Purpose Keys भी शमिल होती हैं जैसे कि Enter, Shift, Caps Lock, Num Lock, Space bar, Tab, और Print Screen, etc.

 

Mouse

माउस एक सबसे लोकप्रिय पॉइंटिंग डिवाइस है। यह बहुत प्रसिद्ध कर्सर-नियंत्रण उपकरण है, जिसके आधार पर एक गोल गेंद के साथ एक छोटे से हथेली के आकार का बॉक्स होता है, जो माउस की गति को भांप लेता है और माउस के बटन दबाने पर CPU को संबंधित संकेत भेजता है।

आम तौर पर, इसमें दो बटन होते हैं जिन्हें बाएं और दाएं बटन कहा जाता है और बटन के बीच एक पहिया मौजूद होता है। एक माउस का उपयोग स्क्रीन पर कर्सर की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग कंप्यूटर में पाठ दर्ज करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

Output Devices

output device कंप्यूटर हार्डवेयर का एक Part है जो कंप्यूटर से data या Signal प्राप्त करता है, अनिवार्य रूप से, कंप्यूटर output device के साथ किसी तरह से इंटरैक्ट करता है। सबसे आम आउटपुट डिवाइस monitor और printer हैं,

एक Input Device और एक Output Device के बीच मुख्य अंतर यह है कि Input कंप्यूटर को डेटा भेजता है, जबकि Output कंप्यूटर से डेटा प्राप्त करता है।

10 Output Devices के उदाहरण ये हैं

  1. Monitor
  2. Printer
  3. Audio Speakers
  4. Headphones
  5. Projector
  6. GPS
  7. Sound Card
  8. Video Card
  9. Braille Reader
  10. Plotter

Power Supply Unit / SMPS

SMPS जिसे हम Power Supply भी कहते है इसका मतलब है Switched-Mode Power Supply इसको आपने जरूर देखा होगा क्यूंकि यह कंप्यूटर का एक बेसिक कॉम्पोनेन्ट या हार्डवेयर है अगर नहीं देखा है तो आपने अपने कंप्यूटर में Power Cable तो जरूर लगाईं होगी अगर हाँ तो आपने SMPS को देखा है। SMPS हमारे कंप्यूटर में Power supply करने का काम करता है।

हमारे घर में Current हमेशा AC (Alternate Current) फॉर्म में होता है लेकिन हमारे कंप्यूटर के कंपोनेंट्स को या सीधे शब्दों में कहे तो किसी भी तरह के Digital device को चलने के लिए हमेशा Direct Current यानी DC की जरूरत होती है इसीलिए हमें SMPS की जरूरत पड़ती है SMPS हमारे घर के Alternate Current को Direct Current में परिवर्तित करके उचित voltage पर हमारे कंप्यूटर के बाकी कंपोनेंट्स के पास भेज देता है।

कंप्यूटर मे Hardware और Software क्या है?

आपको पता है Computer मे हमारे Hardware और Software दोनो की जरूरत होती हैं अगर एक भी ना हो तो आप को परेशानी का समना करना पडता है आज आप Hardware और Software मे क्या अंतर है असानी से समझ सकते है।

Hardware

Computer मे hardware किसे कहते है इसे आप बहुत ही असानी से समझ सकते हैं हर वो चिज़ जिसको आप Touch कर सके या महसुस कर सके उसे हम Hardware कहते है जैसे Hard Drive, Mouse, Keyboard, Screen, CPU, RAM Memory, etc जिनको आप Touch भी कर सकते है और मह्सुस भी कर सकते है।

Software 

Computer मे Software को आप अपनी आंखों से देख नही सकते हैं और ना ही इसे हाथ से छूआ जा सकता हैं. क्योंकि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता हैं यह एक आभासी वस्तु हैं जिसे केवल समझा जा सकता हैं

Software, निर्देशों तथा प्रोग्राम्स का वह समूह है जो Computer को किसी काम को पूरा करने का निर्देश देता हैं. यह युजर को कम्प्युटर पर काम करने की क्षमता प्रदान करता हैं सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्युटर एक निर्जीव हैं

किसी काम को करने के लिये Software की जरुरत पडती है जैसे MS Office, Photoshop, Adobe Reader, Picasa सभी Software है, जो आपको Computer पर अलग-अलग कार्य करने के योग्य बनाते है।

कंप्यूटर के प्रकार (Different Types Of Computers)

जब कंप्यूटर के बारे मे हम सुनते है तो हम सब यही समझते है जो कंप्यूटर हम Personally इसतिमाल करते हैं बस वही कंप्यूटर है पर मैंं आपको बतादू जो कंप्यूटर आप इसतिमाल करते हैै  उसके अलावा भी बहुत सारे कंप्यूटर के प्रकार हैै हमने Computer के प्रकार को उनकी कार्य पर्णाली के हिसाब से विभाजित कर दिया है

कार्यप्रणाली के आधार पर (based on Mechanism)

कार्यप्रणाली के आधार पर Computer के “Analog, Digital, Hybrid” ये तीन प्रकार होते है जिसकी पूरी जानकारी विस्तार से नीचे दी है जिससे आप असानी से समझ सकते हैंं

Analog Computer

एनालॉग कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जिसका उपयोग ज्यादा Science और Engineering क्षेत्रों में किया जाता है. यह कंप्यूटर भौतिक मात्राओं को नापने का काम करता है।

जैसे की दाब, तापमान, गति, लम्बाई, उचाई, प्रतिरोध का मापन करके उनके Result दिखाता है, ये Computer किसी भी राशी का मापन तुलना के आधार पर करते है जैसे की थर्मामीटर

थर्मामीटर गणना नही करता बल्कि संबंधित प्रसार (Relative Expansion)  की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है।

Digital Computer

Digital Computer अंकों की गणना करता है इसका उपयोग डिजिट के रूप में किया जाता है जिसको Binary Number System भी कहते है।

Digital Computer 0 और 1 पर Work करता है, ये कंप्यूटर किसी भी चीज की गणना करने के बाद How Many के आधार पर जवाब देते है। इस कंप्यूटर का उपयोग व्यापार चलाने के लिए, घर का बजेट तयार करने लिए, और साथ ही साथ शिक्षा, मनोरंजन इत्यादि में भी करते है

Hybrid Computer

Hybrid computer में एनालॉग और डिजिटल दोनों के गुण होते है यह कंप्यूटर अनेक गुणों से युक्त है इसलिए इसे Hybrid Computer कहते है।

इस कंप्यूटर का उपयोग Medical में ज्यादा होता है जैसे एनालॉग कंप्यूटर किसी रोगी के तापमान या रक्तचाप को मापता है और बाद में डिजिटल भागों के द्वारा अंक में बदल दिए जाते है। इससे रोगी के स्वास्थ्य के बारे सही पता चलता है।

आज नया क्या सिखा?

मुझे लगता है की आप लोगों को Computer क्या है?और ये कैसे काम करता है इसके प्रकार की पूरी जानकारी दी है और मैं ये आशा करता हूँ के आप सभी पाठ्को को हमारी आज का लेख पसंद आया होगा

Computer क्या है आप किसी को भी असानी से बता सकते है दोस्तो आपसे गुजारिस है की आप इस जानकारी को अपने सभी मित्रो के साथ में Share करें, जिससे की हमारे सभी दोस्तो को इस्से Help मिलेे.

मेरी हमेशा से बस यही कोशिश रही है की मैं हमेशा अपने सभी दोस्तो की हर तरह से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को Computer से जुडी किसी भी तरह की कोई भी doubt है या आपको लगता है इसमे हमे कुछ सुधार करने कि जरूरत हैं तो आप हमे जरुर बताये,

मैं उसे सुधारने मे कोशिश करूँगा. आपको यह Post कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले. मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए,

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