मनुष्य के शरीर में अनेक अंग हैं, जिनका अलग अलग तरह से उपयोग होता है, जैसे जीभ का कार्य है, स्वाद लेना दिल का कार्य है धड़कना, उसी प्रकार मस्तिष्क का कार्य है सोचना, मनुष्य अपनी सोच से ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर (success) पाता है।
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सफलता (success) कैसे हासिल करे?
Success Kaise Paye : जिस प्रकार बरगद के नन्हे बीज मिट्टी में स्थित रहकर अंकुरण होकर एक बड़े पौधे में रूपांतरित हो जाता है, और यदि वह बीज हवाओं से उड़कर एक जगह पर स्थिर ना रहे तब वह अंकुरित नहीं होता है।ठीक उसी प्रकार हमारा मस्तिष्क एक दिन में 50000 से भी अधिक विचारों को अपने आप में सोचता है. देखा जाये तो पहले के जो मनुष्य हुआ करते थे वह दिन में जितना भी कार्य करते थे उसे शाम को लेटने से पहले एक डायरी में नोट किया करते थे
आज हमने क्या-क्या किया है। जिससे हमारा दिमाग फ्रेश हो जाता था. मस्तिष्क को स्थिर रखना चाहिये,क्योंकि जब तक हमारा दिमाग स्थिर नहीं होगा तब तक हमारा दिमाग उस पर कार्य या सोच नहीं सकता,और हमारे सफल(success) होने के आसार बढ़ जायेंगे।
थॉमस अल्वा एडिसन (Thomas Edison) का सोचने का तरीका
थॉमस अल्वा एडिसन ने जब बल्ब का आविष्कार किया था तब बल्ब के अविष्कार से पहले उनके मस्तिक में अनेकों तरह के विचार आया करते थे, लेकिन उन्होंने केवल अपने लक्ष्य पर ही दिमाग को कार्य करने दिया अर्थात सोचने दीया और उन्होंने बल्ब का आविष्कार कर दिया।
सोचो यदि वह भी विचारों में गुम हो जाते, और अपने लक्ष्य को स्थिर ना रखते तो शायद बल्ब का आविष्कार ना हो पाता,पहले के जो मनुष्य थे वह दिन में जितना भी कार्य करते थे उसे शाम को अपनी डायरी में नोट किया करते थे जिससे उनका दिमाग रिफ्रेश हो जाता था और उन्हें वह सब याद रहता था और वो लोग दिमाग को स्थिर रखने के लिए मेडिवेशन वगैरा भी किया करते थे।
जिससे उनका दिमाग स्थिर और शांत रहता था और इसी कारण वह अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेते थे, परंतु आज के मनुष्य तो तुरंत का ही देखते हैं पीछे की तो सोचते ही नहीं नोट लिखने की तो बहुत दूर की बात है, और कुछ मनुष्यों को तो यह भी नहीं मालूम कि मेटिवेशन होता क्या है, करना तो बहुत दूर की बात है और अगर जिन लोगों को पता भी है उनके पास समय नहीं है, जिसकी वजह से हमे सफलता (success) नहीं मिल पाती।
यह सब करने के लिए आज के मनुष्य अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही दूसरे विचारों में गुम हो जाते हैं और इसके कारण वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, अर्थात वह अपने मस्तिष्क को स्थिर नहीं रख पाते और चिंतित व् अशांत सा महसूस करते रहते हैं, जिसके कारण वह हर समय चिंतित रहते हैं, जिसके कारण उनके दिमाग की सोचने की क्षमता कम हो जाती है, और उनका दिमाग उनके लक्ष्य के बारे में सोचना बंद कर देता है, और हम सफलता(success) का स्वाद नहीं चख पाते।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार
इसीलिये स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है, कि उठो,जागो और तब तक न रुको जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त ना कर लो, हमें अपने दिमाग को अच्छे से कार्य करने के लिये रोज एक नये तरीके से सोचना चाहिये या एक नये तरीके से कार्य करना चाहिये,
जैसे कि मनुष्य यदि एक ही कार्य को प्रतिदिन करता है तो वह उसकी आदत बन जाती है, फिर तो वह उस कार्य को करने के लिये दिमाग का उपयोगबहुत कम करता है, वैज्ञानिक की खोजों के अनुसार उन्होंने बताया है कि यदि हम रोज 1 तरीके से कार्य ना करके रोज एक नया तरीका अपनाये, इससे हमारे दिमाग ने न्यूरॉन्स का बहाव बहुत तेजी से होने लगता है, जिससे हमारा दिमाग उतनी ही तेजी से सोचने लगता है।
जैसे कि हम प्रतिदिन दाये हाथ से ब्रश करते हैं। यदि हम कभी उल्टे बाये हाथ से ब्रश करें तो हमें एक अलग तरह का महसूस होगा, जैसा कि हमने इससे पहले ब्रश ही ना किया हो, अर्थात आज ही ब्रश कर रहे हैं जिस पर हमारा दिमाग अधिक लगता है, और हमारे दिमाग की सोचने की क्षमता बढ़ती है। इसीलिये तो कहते हैं कि मनुष्य को जीवन में यदि अपने इरादों को अर्थात लक्ष्य को पूरा करना है तो तरीकों को बदलते रहना चाहिये,
इरादों को नहीं या लक्ष्य को नहीं, इसलिये हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हमें अपने दिमाग को स्थिर और शांत रखना चाहिये, जिससे कि हमारे दिमाग की सोचने की क्षमता बढ़े और हमारा दिमाग ताजा रहे, इसलिये हम लोगों को अपने दिमाग को लक्ष्य का संकेत देते रहना चाहिये, जिससे हमारा मस्तिष्क अधिक से अधिक हमें हमारे लक्ष्य के बारे में ही सोचने के लिए आकर्षित करें।
जिससे हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सके इसलिये हमें ज्यादा नहीं तो 5 मिनट तक मेडिटेशन तो करना ही चाहिये, जिससे हमारा दिमाग शांत और स्थिर रहता है, और हमारे सोचने की क्षमता बढ़ती है, और एक बात मैं आपको और बता दूं दिमाग का संपर्क शरीर से भी बहुत महत्वपूर्ण तरीके से होता है, यदि दिमाग पर कोई प्रभाव पड़ता है, तो शरीर पर अपने आप ही प्रभाव पड़ जाता है, जिस प्रकार एक गाड़ी में उसको चलाने के लिए सबसे अधिक इंजन का महत्व होता है।
उसी प्रकार शरीर के लिये दिमाग का बहुत महत्व होता है,जिससे हमें तरह तरह की सूचनाये मिलती हैं जैसा कि कब खाना खाना है, कब टॉयलेट जाना है, यह सब संवेदनाये दिमाग से ही प्राप्त होती हैं, इसलिये दिमाग को जितना स्थिर और शांत रखेंगे उतना अच्छा कार्य करेगा,और आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में आपकी मदद करेगा, इसलिये हमें अपने आप को और अपने दिमाग को सक्रिय रखने के लिये हमें 5 या 10 मिनट के लये अकेले में बैठ कर आंखें बंद करके ध्यान को केंद्रित करना चाहिये,जिससे हमारा ध्यान केंद्रित होने लगेगा और हमने जो कुछ भी पढ़ें या करेंगे वह हमें आसानी से आ जाएगा।
निष्कर्ष :
दोस्तों इस पोस्ट द्वारा हमने आपको कुछ राज बताये जिससे आप अपने जीवन में आसानी से सफल हो सकते हो,हमने इस छोटे से टॉपिक को बड़े ही आसान शब्दों में बताया है की आप किस प्रकार आसानी से कुछ तरीके अपना कर सफलता पा सकते हो, इस टॉपिक के सिलसिले में आपके कोई विचार या सवाल है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिखे,धन्यवाद।