19 नवम्बर को world toilet day के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता हे ,पर भारत अभी पूरी तरह से इस दिन का महत्व कब समजेगा ,भारत के लोग साफ सफाई के लिए बाते तो बड़ी बड़ी करेंगे पर जब करने की बारी आती हे तब ना जाने भारत के लोगो को क्या हो जाता हे।
नई दिल्ली,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साफ-सफाई और स्वच्छता को लेकर दो अहम बातें कही थीं। पहली यह कि स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वच्छता है और हर आदमी को अपना खुद का सफाईकर्मी होना चाहिए। भारत सहित दुनिया के कई देशों में तेजी से शौचालय बनाए भी जा रहे हैं। विडंबना यह है कि ग्रामीण इलाकों में जिनके पास यह सुविधा उपलब्ध है, वे भी इसका इस्तेमाल करने से परहेज करते है।
साफ-सफाई ईश्वर भक्ति के बराबर
सरकार की मंशा महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की तर्ज पर स्वच्छाग्रह को देशभर में चलाने की है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ-सफाई ईश्वर भक्ति के बराबर है। उन्होंने स्वच्छ भारत का सपना देखा था और वे चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक स्वच्छ भारत के निर्माण में अपना कीमती योगदान दें। स्वच्छता के इसी संदेश को देश दुनिया तक पहुंचाने के लिए ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ मुहिम की शुरुआत की गई।